ई-इनवॉइस रजिस्ट्रेशन के लिए स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस कैसे शुरू करें

|Updated on: December 13, 2023

ई-इनवॉइस (जिसे 'इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइस' के रूप में भी जाना जाता है) एक सिस्टम है जिसमें सभी B2B इनवॉइस तय पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपलोड किए जाते हैं और वेलिडेट किए जाते हैं। सफल ऑथेंटिकेशन के बाद, IRP हरेक इनवॉइस के लिए एक ख़ास इनवॉइस रेफरेंस नंबर (IRN) जनरेट करता है। 

हरेक इनवॉइस पर डिजिटल तरीके से साइन होता है और इसमें IRN के अलावा एक QR कोड भी होता है। GST के तहत, इसे ई-इनवॉइसिंग कहा जाता है।

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ई-इनवॉइसिंग रजिस्ट्रेशन के लिए स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस

स्टेप-1: ई-इनवॉइसिंग सिस्टम में लॉग इन करें

ई-इनवॉइस सिस्टम के लिए GST टैक्स भरने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन तकनीक आसान है। अगर कोई टैक्स भरने वाला पहले से ही ई-वे बिल पोर्टल पर रजिस्टर्ड है, तो वे ई-इनवॉइस सिस्टम तक पहुंचने के लिए उसी लॉगिन क्रेडेंशियल का उपयोग कर सकते हैं। 

अगर किसी टैक्स भरने वाले ने EWB पोर्टल में एनरोल नहीं किया है, तो वह ई-इनवॉइस सिस्टम पर रजिस्ट्रेशन कर सकता है। टैक्स भरने वाले के पास GST सिस्टम द्वारा जारी GSTIN के साथ-साथ GST सिस्टम के साथ रजिस्टर किया मोबाइल फोन होना चाहिए। आपको बस https://einvoice1.gst.gov.in/ पर जाना है और नीचे दिखाए अनुसार ई-इनवॉइस के लिए रजिस्ट्रेशन करना है।

e-invoice system log in

ध्यान दें: पहली बार GSTIN करा रहे लोग सबसे ऊपर दिए मेनू में 'रजिस्ट्रेशन' में जाकर 'पोर्टल लॉगिन' पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके बाद यूज़र को 'ई-इनवॉइस रजिस्ट्रेशन फॉर्म' तक ले जाया जाता है।

स्टेप-2: ई-इनवॉइस इनेबल करना

यूज़र को अपना GSTIN और दिखाया कैप्चा डालना होगा और रिक्वेस्ट सबमिट करने के लिए 'Go' पर क्लिक करना होगा। रिक्वेस्ट सबमिट करने के बाद, यूज़र को ई-इनवॉइस रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर ले जाया जाएगा।

स्टेप-3: रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर डेटा डालें

डाले गए GSTIN के अनुसार, आवेदक की जानकारी --- आवेदक का नाम, व्यापार नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल पता जैसा कि वे GST साइट पर दिखाई देते हैं, वगैरह ई-इनवॉइस रजिस्ट्रेशन फॉर्म में भरी जाएगी। यूज़र 'ओटीपी भेजें' पर क्लिक करके और उसके बाद रजिस्ट्रेशन फॉर्म को वेरीफाई करके जानकारी की पुष्टि कर सकता है।

ओटीपी सही से वेरीफाई होने पर, यूज़र भविष्य में आसानी से इस्तेमाल कर पाने के लिए पोर्टल पर आईडी और पासवर्ड सेट कर सकता है। अगर आप क्रेडेंशियल भूल जाते हैं, तो बस पासवर्ड/आईडी भूल गए में जाकर GSTIN नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालें। 

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ई-इनवॉइसिंग के लिए किसे रजिस्टर करना चाहिए?

ई-इनवॉइसिंग की शुरुआत के बाद से ही, भारत सरकार इस नियम को चरणबद्ध तरीके से लागू कर रही है। नीचे ई-इनवॉइस के अनिवार्य कार्यान्वयन की समयसीमा और अगस्त 2023 तक का नवीनतम अपडेट दिया गया है

ध्यान दें: 1 अगस्त 2023 तक, 2017-18 से पहले के किसी भी वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ से अधिक वार्षिक कारोबार वाले सभी रजिस्टर्ड बिज़नेसों (पैन के आधार पर) को ई-इनवॉइस जनरेट करना अनिवार्य है।

वार्षिक कारोबार

ई-इनवॉइस की अनिवार्यता की नई तारीख

500 करोड़ से ज़्यादा होने पर 

1 अक्टूबर 2020

100 करोड़ से ज़्यादा होने पर

1 जनवरी 2021

50 करोड़ से ज़्यादा होने पर

1 अप्रैल 2021

20 करोड़ से ज़्यादा होने पर

1 अप्रैल 2022

10 करोड़ से ज़्यादा होने पर

1 अक्टूबर 2022

5 करोड़ से ज़्यादा होने पर

1 अगस्त 2023

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