भारत में, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को अपने कामकाज को चालू रखने और व्यापार को आगे बढ़ाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन MSMEs को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से क्रेडिट या लोन आसानी से नहीं मिल पाता। इसलिए, लगभग 100 मिलियन लोगों को रोज़गार देने और देश की GDP में बड़ा योगदान देने के बावजूद कई MSMEs को अपना कामकाज बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
भारत सरकार ने MSMEs को इस समस्या से उबरने में मदद के लिए 2020 का प्रस्ताव रखा। इस योजना के अनुसार, सभी MSMEs को सरकार द्वारा दिए जाने वाले कुछ आकर्षक लाभ पाने के योग्य होते ही MSME के रूप में रजिस्टर करना चाहिए।
हालाँकि UDYAM के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य नहीं है, तब भी यह MSMEs को भारत में अपना कामकाज करने के लिए कई लाभ देता है जिससे उन्हें न केवल आर्थिक रूप से बल्कि अन्य कामकाज और लॉजिस्टिक्स की मुश्किलों को कम करने में मदद मिलती है।
यदि आप इस योजना में MSME के लिए रजिस्ट्रेशन करना चाह रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपकी मदद करेगा। यह UDYAM रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए एक विस्तृत गाइड है।
UDYAM रजिस्ट्रेशन - यह किसके बारे में है?
इससे पहले, भारत में MSME को उद्योग आधार मेमोरेंडम स्कीम के तहत रजिस्टर्ड किया गया था, जिसकी जगह पर अब UDYAM स्कीम आ गई है। UDYAM स्कीम के तहत, सभी MSMEs को एक इलेक्ट्रॉनिक सर्टिफिकेट मिलेगा, जिससे वे कई सरकारी ऑफर और लाभों के हक़दार हो जाएंगे।
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UDYAM रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आसान है और इसमें कोई जटिल कागज़ी कार्रवाई या फॉर्मेलिटी शामिल नहीं हैं। प्रत्येक रजिस्टर्ड MSME को एकमात्र संख्या मिलता है, जिसे UDYAM रजिस्ट्रेशन नंबर के रूप में जाना जाता है। यह संख्या MSME के पूरे व्यावसायिक जीवन के लिए उसकी स्थायी पहचान बन कर रहता है।
UDYAM रजिस्ट्रेशन कौन करा सकता है?
UDYAM रजिस्ट्रेशन के लिए सभी ट्रेडिंग, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस MSMEs आवेदन कर सकते हैं। भारत सरकार ने योग्यता मानदंड को इस प्रकार परिभाषित किया है:
- माइक्रो इंटरप्राइज़ेज़ - ऐसे उद्यम जिनकी संपत्ति में निवेश अधिकतम 1 करोड़ रुपये है और वार्षिक कारोबार 5 करोड़ रुपये से कम है
- स्मॉल इंटरप्राइज़ेज़ - ऐसे उद्यम जिनकी संपत्ति में निवेश अधिकतम 10 करोड़ रुपये है और वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपये से कम है
- मीडियम इंटरप्राइज़ेज़ - ऐसे उद्यम जिनकी संपत्ति में निवेश अधिकतम 50 करोड़ रुपये है और वार्षिक कारोबार 250 करोड़ रुपये से कम है
उपरोक्त श्रेणियों में से किसी भी प्रकार की इकाई UDYAM रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकती है। इन संस्थाओं में पार्टनरशिप फर्म, सोल प्रॉपराइटरी, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिलीज़, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप, सहकारी समितियां एवं ऐसी ही अन्य संस्थाएं शामिल हैं।
UDYAM रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या है?
ऑनलाइन UDYAM रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के स्टेप्स यहां दिए गए हैं:
- UDYAM रजिस्ट्रेशन के लिए आधिकारिक पोर्टल पर क्लिक करें - https://udyamregistration.gov.in/Government-India/Ministry-MSME-registration.htm
- “नए उद्यमियों के लिए जो अभी तक MSME या EM-II वाले लोगों के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हैं” चुनें।
- जो पेज खुलेगा उस पर आधार नंबर और उद्यमी का नाम दर्ज करें। इन विवरणों को दर्ज करने के बाद, “OTP वेलिडेट और जेनरेट करें” ऑप्शन पर क्लिक करें।
- आपको अपने आधार से जुड़े फोन नंबर पर एक OTP प्राप्त होगा। ये विवरण दर्ज करें और “” पर क्लिक करें
- आधार वेरिफिकेशन सही से पूरा हो जाने के बाद, अब आपको पैन वेरिफिकेशन पेज दिखाई देगा। डिटेल्स, जैसे कि आर्गेनाईज़ेशन का प्रकार और पैन वगैरह एंटर करें। वेलिडेट करें पर क्लिक करें। यदि आपके पास GST नंबर है या आपने पिछले साल का टैक्स रिटर्न दाखिल किया है, तो संबंधित जानकारी पर क्लिक करें।
- अब आपको स्क्रीन पर UDYAM रजिस्ट्रेशन फॉर्म दिखाई देगा। उद्यमी का नाम, कंपनी का नाम, बैंक की जानकारी, मोबाइल नंबर, कर्मचारियों की संख्या, बिज़नेस यूनिट की स्थिति और अन्य सहित सभी आवश्यक जानकारी भरें।
- इसके बाद, MSME का ब्यौरा भरें, जिसे सावधानीपूर्वक भरा जाना चाहिए। इसमें एसेट्स (प्लांट, मशीनरी, आदि) में निवेश और सालाना कारोबार जैसी जानकारी शामिल है। इसके अलावा, आपके द्वारा प्रदान की गई सभी जानकारी वैध है यह साबित करने के लिए स्व-घोषणा ऑप्शन पर क्लिक करें। जानकारी सबमिट करें और OTP जनरेट करें।
- आपके नंबर पर आए OTP पर क्लिक करें और अब फॉर्म सबमिट करें। फॉर्म सबमिट करने के बाद, आपको अपने रजिस्टर्ड ईमेल पते पर UDYAM रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिलेगा। आप अपने सफल रजिस्ट्रेशन के प्रमाण के रूप में इस सर्टिफिकेट को आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
- इस सर्टिफिकेट में आपका यूनीक MSME रजिस्ट्रेशन नंबर होगा। आप MSME के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए प्रोत्साहनों के हक़दार बनने के लिए ये जानकारी दे सकते हैं।
नई योजना के अनुसार MSME पेमेंट की शर्तें
नई UDYAM योजना के तहत, MSME पेमेंट की शर्तें इस प्रकार हैं:
- लेनदेन की स्वीकृति के 45 दिनों के भीतर, खरीदारों को सामान या सर्विसेज़ के सप्लायरों को पेमेंट करना चाहिए। यह नियम तब भी लागू होता है जब खरीदार और सप्लायर 45 दिनों से अधिक के क्रेडिट पीरियड के लिए सहमत हुए हों।
- पेमेंट में देरी के मामले में, खरीदारों को पेमेंट पर ब्याज देना होगा। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा तय की गई दर की तुलना में ब्याज दर लगभग तीन गुना है।
- यदि खरीदारों और MSME ने क्रेडिट की शर्तों पर कोई निर्णय नहीं लिया है, तो खरीदारों द्वारा MSME से सामान/सर्विसेज़ स्वीकार करने के 15 दिनों के भीतर पेमेंट किया जाना चाहिए।
- लगातार देरी या खरीदार द्वारा पेमेंट न करने पर MSME माइक्रो और स्मॉल UDYAM फैसिलिटेशन काउंसिल (MSEFC) के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
निष्कर्ष
हालांकि अनिवार्य नहीं है, फिर भी MSME के लिए अभी UDYAM रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना समझदारी होगी। यह सर्टिफिकेशन सुनिश्चित करेगा कि वे रियायती दरों पर सरकारी योजनाएं पा सकें, फटाफट और बिना झंझट के फाइनेंसिंग का विकल्प प्राप्त कर सकें और कम ब्याज दरों पर लोन पा सकें।
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